सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
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ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
मातु पिता भ्राता सब कोई। Shiv chaisa संकट में पूछत नहिं कोई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट shiv chalisa lyricsl सकल नित मोहि सतावै ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥